Facts About Shiv chaisa Revealed

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।

ॠनिया जो कोई shiv chalisa in hindi हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

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